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Friday, January 7, 2022

सागर/ तेजाब से हमला करने वाले आरोपीगण को 10-10 वर्ष का कठोर कारावास


सागर
। न्यायालय- श्रीमान राकेश कुमार ठाकुर अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगणरामकेष ठाकुर पिता स्व. रामा ठाकुर उम्र 25 वर्ष निवासी टंकी मोहल्ला केसली, जिला सागर एवं रजनीष खरे पिता स्व. नारायण खरे, उम्र 32 वर्ष निवासी छोटे जैन मंदिर के पीछे केसली, जिला सागरकोधारा 307 सहपठित धारा 34 भादवि में 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000-5000 रूपए के अर्थदण्डसे दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिलाअभियोजन अधिकारीलक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है किफरियादिया नेथाना केसली में इस आशय कि रिपोर्ट लेख करायी कि घटना दिनांक 21.04.2012 को वह सदभावना  स्कूल में बच्चों का रिजल्ट बना रही थी तब उसे सफेदा(व्हाइटनर) की जरूरत पड़ी जो स्कूल मंे नहीं था उसने स्कूल के सर से पूछकर सफेदा उठाने घर को सुबह करीब 10 बजे आई तब रास्ते में मंदिर के पास एक अज्ञात लड़का मुंह में तौलिया बांधे मिला जिस पर फरियादिया ने कोई ध्यान नहीं दिया। घर आकर सफेदा लेकर स्कूल वापस जा रही थी तब छोटे जैन मंदिर के पास रास्ते में एक अज्ञात व्यक्ति मुंह में तौलिया बांधे सामने आया और ग्लास में रखा तेजाब फरियादिया के मंुह पर मारा, जिससे फरियादिया घायल हो गयी, तभी एक छोटी बच्ची वहां से गुजर रही थी तो वह भी तेजाब से घायल हो गयी।

उक्त घटना के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर धारा 307 सहपठित धारा 34 भादवि में 10-10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000-5000 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

 अवैध रूप से शराब विक्रय करने वाले आरोपी की जमानत खारिज 

सागर। न्यायालय- सुश्री साक्षी मसीह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी आशीष पिता चरन पटैल, उम्र लगभग 20 साल निवासी ग्राम मनक्याई थाना जैसीनगर जिला सागर का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार खातेकर ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियुक्त के विरूद्ध थाना जैसीनगर मे अंतर्गत धारा 34(2) म.प्र. आब. अधि. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिसमें बताया गया कि अभियुक्त के कब्जे से 63 लीटर अवैध शराब बिना वैध अनुज्ञप्ति के रखी पाई गयी। उक्त घटना के संबंध में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। 

माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी आशीष पटैल का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।                                          

नाबालिग के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी को 12 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर। न्यायालय- श्रीमान आर. पी. मिश्र प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बण्डा, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी शिवराज लोधी निवासी ग्राम नैनधरा चौकी बारा थाना- बण्डा, जिला सागर को धारा 376(1) भादवि में 12 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ताहिर खान ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 28.04.2019 को अभियोक्त्री ने थाना बण्डा मे इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि घटना दिनांक 25.04.2019 को करीब 05 बजे अपने हार से अकेले घर जा रही थी। तभी रास्ते में उसे शिवराज लोधी मिला और बोला कि रात को 10 बजे नरवां के पास खेत पर आ जाना, नहीं तो उसे और उसके घर वालों को जान से खत्म कर देगा। शिवराज की बात पर से जब वह नहीं गयी, तो रात 10 बजे उसके घर के सभी लोग यज्ञ देखने गांव गये हुए थे, घर पर सिर्फ अभियोक्त्री की मां और दादी थी, वह सो रही थी तभी शिवराज लोधी उसके घर आया और पकड़ कर जबरजस्ती ले गया, जहां आरोपी ने अभियोक्त्री के साथ गलत काम किया और वहां से भाग गया। 

अभियोक्त्री ने अपने घरवालों को घटना के बारे मंे बताया। उक्त घटना के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मंे लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी शिवराज लोधी को धारा 376(1) भादवि में 12 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपए अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।


 

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