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Saturday, November 19, 2022

सागर/नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना


सागर
। नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी लखन लोधी को न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश,सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. 1860 की धारा 354  के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-7 सहपठित धारा-8 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन)  श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री मनोज पटैल ने की ।

       घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 06.11.2019 को अभियोक्त्री ने रिपोर्ट लेख कराई कि वह दिनंाक 06.11.2019 को रात करीब 8ः00 बजे प्रेस के लिये आग के अंगारे लेने के लिये पड़ोस की सामने वाली भाभी के घर गई थी, जहां लखन लोधी भी मौजूद था, जो उससे बोला कि घर के पीछे अंगारे है, तब वह घर के पीछे जाकर थाली में अंगारे भरने लगी, तभी लखन लोधी दूसरी तरफ से अपने घर के पीछे पहुंचा और उसका हाथ बुरी नियत से पकड़ लिया और छेड़छाड़ करने लगा तब अभियोक्त्री ने उसे धक्का देकर भागकर अपने घर आकर अपनी मां को घटना बताई, उसने व उसकी मां ने उक्त बात रिश्ते के भाई व भाभी को बताई, जिन्होने घर के सामने जाकर लखन को बुलाया, तो लखन लोधी उसे व उसकी मां को अश्लील गाली गलौंच कर जान से मारने की धमकी देने लगा। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-राहतगढ़ द्वारा धारा- भा.द.स. की धारा 354,294, 506 भाग-दो व पॉक्सो एक्ट,2012 की धारा, 7 सहपठित धारा-8 भादवि का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। 

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत  न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को भा.द.वि. 1860 की धारा 354 के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-7 सहपठित धारा-8 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है  ।

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