शिवपुरी-कोलारस के समीप ग्राम रिजौदा में श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 21 जून से 28 जून तक आयोजित किया जाएगा जिसमें कथावाचक बृजभूषण महाराज रहेंगे एवं यजमान राम सिंह केवट एवं समस्त परिवार इस कथा को आयोजित कर रहे हैं। कथा में समस्त ग्राम वासियों ने भाग लेकर के कलश यात्रा को और भी सुंदर बना दिया है। यजमान परिवारों ने श्रीमद्भागवत कथा में समस्त क्षेत्रवासियों से आने की अपील की। कथा के प्रथम दिवस पर आचार्य बृज भूषण महाराज ने सुंदर धुंधकारी का चरित्र एवं भक्ति का चरित्र श्रवण कराया और उन्होंने बताया कि भक्ति के द्वारा ही मनुष्य अपने जीवन को मंगलमय बना सकता है एवं भक्ति मार्ग पर चलकर ही मनुष्य अपने जीवन को कृतार्थ कर सकता है। आचार्य ने बताया कि पापी कितना भी बलवान क्यों ना हो, उसका अंत हमेशा बुरा ही होता है, धुंधकारी इतना बड़ा पापी था उसने बहुत पाप किए अंत समय में उसके लिए अकाल मृत्यु प्राप्त हुई, इसलिए जीवन में मनुष्य को कभी भी पाप कर्म नहीं करना चाहिए। कथा का समय दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक रखा गया है।
शिवपुरी-कोलारस के समीप ग्राम रिजौदा में श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 21 जून से 28 जून तक आयोजित किया जाएगा जिसमें कथावाचक बृजभूषण महाराज रहेंगे एवं यजमान राम सिंह केवट एवं समस्त परिवार इस कथा को आयोजित कर रहे हैं। कथा में समस्त ग्राम वासियों ने भाग लेकर के कलश यात्रा को और भी सुंदर बना दिया है। यजमान परिवारों ने श्रीमद्भागवत कथा में समस्त क्षेत्रवासियों से आने की अपील की। कथा के प्रथम दिवस पर आचार्य बृज भूषण महाराज ने सुंदर धुंधकारी का चरित्र एवं भक्ति का चरित्र श्रवण कराया और उन्होंने बताया कि भक्ति के द्वारा ही मनुष्य अपने जीवन को मंगलमय बना सकता है एवं भक्ति मार्ग पर चलकर ही मनुष्य अपने जीवन को कृतार्थ कर सकता है। आचार्य ने बताया कि पापी कितना भी बलवान क्यों ना हो, उसका अंत हमेशा बुरा ही होता है, धुंधकारी इतना बड़ा पापी था उसने बहुत पाप किए अंत समय में उसके लिए अकाल मृत्यु प्राप्त हुई, इसलिए जीवन में मनुष्य को कभी भी पाप कर्म नहीं करना चाहिए। कथा का समय दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक रखा गया है।
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