सीएम राईजिंग मॉर्डन स्कूल में विद्यार्थियों के लिए स्पंदन कार्यक्रम आयोजितशिवपुरी- गवर्नमेंट सीएम राइजिंग मॉडर्न स्कूल करैरा में विद्यार्थियों के लिए स्पंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि, माइंडसेट एवम स्पंदन कोच एवम अथ युवा फाउंडेशन डायरेक्रिट डॉक्टर देवेंद्र दांगी उपस्थित रहे। डॉक्टर दांगी ने संवाद में बताया कि दुनिया ऑटोमेशन की तरफ बढ़ रही है, ऐसे में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, क्रिटिकल थिंकिग, प्रगतिशील माइंडसेट, नवाचार, मीडिया आदि शान, कुशल व्यवहार इत्यादि भविष्य में करियर और रोजगार के नए आयाम होंगे।
उन्होंने बताया कि युवा मस्तिष्क के सामने सोशल मीडिया एडिक्शन, प्रोक्रस्टी-नेशन, ओवरथिंकिंग इत्यादि वर्तमान चुनैतियों हैं। जिससे बच्चों की क्षमता घट रही है और चिड़चिड़ापन, अवसाद, हिंसा जैसी चीजें बढ़ रही हैं। बच्चे दिन भर पढ़ रहे हैं पर मस्तिष्क की ग्रहण करने की क्षमता कम होती जा रही है, इसके पीछे कारण है गैर जरूरत चीजों का सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रेन में मनोरंजन की मेमोरी का बनना और यही कारण है कि बच्चों में शिक्षा के प्रति उदासीनता बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि अब जब चारों तरफ सोशल मीडिया एक्सपोजर है ऐसे में बच्चों को स्वयं की एकाग्र के क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। शरीर और मन की स्थिरता की आदत किसी भी परीक्षा को पास करने की राह आसान कर देती है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि आप स्वयं पर प्रगतिशील दिशा में कार्य करें और ऊर्जा एवम समय प्रबंधन के माध्यम से जीवन के शिखर की तरफ बड़े, एक स्ट्रॉन्ग माइंड बनाए ताकि किसी भी चुनौती से लड़ा जा सके।
डॉक्टर दांगी ने बच्चों को स्पंदन(माईंडफुलनेस) का भी अभ्यास कराया, बच्चों ने उत्साह पूर्ण इसका आनंद लिया, स्पंदन बच्चों के शरीर और मन को स्थिर बनाने, एकाग्रता, मेमोरी, बढ़ाने में मदद करता है तथा अवसाद, एडिक्शन जैसी समस्याओं से बाहर निकलने में भी मदद करता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में हर बच्चा एक महान संभावना है, सही समय पर सही मार्ग मिल जाए तो कोई भी बच्चा किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट कर सकता है। कार्यक्रम में स्कूल प्राचार्य मुरारी लाल गुप्ता, स्पोर्ट्स कोच विजय गुर्जर, तकनीक विशेषज्ञ मुरारी लाल राय एवम अन्य शिक्षक एवम अन्य विद्यार्थी उपस्थित रहे।
स्पंदन क्या है ?
स्पंदन एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसका मूल उद्देश्य मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाना है। ये एकाग्रता,मेमोरी, आत्मबल इत्यादि क्षमताओं को विकसित करने और बढ़ाने में मदद करती है। लाखों विद्यार्थी इसकी प्रैक्टिस कर बेहतर जीवन और करियर विकल्प की तरफ बढ़े हैं। इसके 3 प्रमुख अंग हैं माइंडसेट, मोटिवेशन, माइंडफुलनेस।
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