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Wednesday, February 7, 2024

कार से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये अर्थदण्ड


सागर ।
कार से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी मुकेष यादव को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8 सहपठित धारा- 20(इ)(पप)(ब्) सहपठित धारा-25 के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना सुरखी को दिनाॅक 06.06.17 को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि नरसिंहपुर रोड एनएच 26 से सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार से मुकेष यादव अपने कुछ साथियों के साथ बड़ी मात्रा  में गांजा लेकर आ रहा है । मुखबिर की सूचना पर उसके बताये स्थान पर हमराह स्टाफ के साथ पहुॅच कर घेराबंदी कर मुखबिर द्वारा बताये वाहन को रोकने का प्रयास किया परंतु वाहन चालक ने वाहन वापस नरसिंहपुर  रोड तरफ मोड़ दिया। 

वाहन का पीछा करने पर चालक ने वाहन को एक खेत पर छोड़ दिया और वाहन में बैठे सभी व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये। मौके पर साक्षियों के समक्ष वाहन की तलाषी लेने पर उसमें सफेद रंग की 07 प्लास्टिक की बोरियों में गांजे जैसा पदार्थ  मिला जिसे रगड़कर, सूंघकर एवं जलाकर देखने पर गांजा होना पाया गया ।

वाहन से कुल 133.56 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना मे ंलिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सुरखी जिला- सागर द्वारा धारा-8/20 एन.डी.पी.एस. का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।

अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एव ंअभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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