शिवपुरी- भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के संस्थापक सैनिक सदस्यों में से स्वर्गीय हाजी खान मोहम्मद खान एक थे जो सन 1963 शिवपुरी से भर्ती हुए थे, उस समय आइटीबीपी को खड़े हुए एक वर्ष भी नहीं हुआ था तब से आप एक अनुशासित, कर्तव्यनिष्ट,देश सेवा से ओतप्रोत तथा ईमानदार सैनिक के रूप में जाने जाते थे। श्री खान की अनुकरणीय सेवाओं के प्रतिफल स्वरूप ही भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल राष्ट्र का अनुशासित व प्रति निष्ट बल बनकर सफलता व कार्यकुशलता की बुलंदियो को छू रहा है। खान साहब ने भारत चीन की अंर्तराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात रहते हुए जम्मू व कश्मीर के लद्दाख, हिमालय उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी कर्तव्य पराकाष्ठा का प्रमाण दिया था। जहां पर वर्ष भर बहुत ही न्यूनतम तापमान रहता है तथा उस कालखंड में बहुत ही सीमित संसाधन हुआ करते थे। उस समय श्री खान के द्वारा भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल में अपनी सेवाएं दी थीं और 25 वर्ष की देश सेवा करने के उपरान्त 1988 में सेवा निवृत हुए।
इसी दौरान श्री खान के जेष्ठ पुत्र राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से प्रभावित होकर स्वयं सैनिक धर्म अपनाते हुए अपने पिता के प्रेरणा स्रोत आदेश को मानते हुए भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में भर्ती हुए और इरफान खान उप निरीक्षक के पद पर वर्तमान में 38 वीं बटालियन रायपुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। खान मोहम्मद साहब बुजुर्ग होने के साथ साथ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जिसके चलते आपने ग्वालियर में इलाज के दौरान अंतिम सांस लेते हुए इस संसार को अलविदा कहा, वह अपने पीछे अपना एक भरा पूरा परिवार छोड़ कर चले गए है। दूरसंचार वाहिनी एवं आइटीबीपी पुलिस शिवपुरी के द्वारा बल की परंपराओं का अनुसरण करते हुए महेश कलावत उप महानिरीक्षक तथा बल महानिदेशक की ओर से सैनिक को पुष्प चक्र समर्पित करते हुए अपने बहादुर संस्थापक सैनिक सदस्य को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सैन्य सम्मान के साथ शिवपुरी के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया। इस दु:ख की घड़ी में शहर वासियों ने अपने राष्ट्र सैनिक हाजी खान मोहम्मद साहब को नम आंखों से अंतिम विदाई दी, राष्ट्र एवं बल इनके सैनिक धर्म व कर्त्तव्य निष्ठा का हमेशा साक्षी एवं ऋणी रहेगा।

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