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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Thursday, December 25, 2025

ज्यादा कपड़े बोझ है, उतरे उच्च खयाल, जितना जो नीचे गिरे, पाता वही उछाल : अविराम जैन


मप्र लेखक संघ इकाई शिवपुरी की काव्य गोष्ठी आयोजित

शिवपुरी- म.प्र.लेखक संघ भोपाल इकाई शिवपुरी की काव्य गोष्ठी दुर्गमठ शिवपुरी में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता बसंत श्रीवास्तव ने की जबकि डॉ महेंद्र अग्रवाल, राम कृष्ण मौर्य के विशेष आथित्य में श्याम बिहारी सरल की सरस्वती वंदना से गोष्ठी प्रारंभ हुई। काव्य गोष्ठी का संचालन कवियत्री कल्पना सिनोरिया द्वारा किया गया, सबसे पहिले काव्य पाठ करते हुए अजय जैन अविराम ने वर्तमान में गिरते संस्कार मर्यादा को कचोटते हुए कहा-बेशर्मी बेबाकी भई, ऊंचा नंगापन हाल, ज्यादा कपड़े बोझ है, उतरे उच्च खयाल। जिसे तालियों के साथ सभी में सराहा, राजकुमार चौहान ने अपने क्रम में कहानी का पाठ किया और रोचक अंदाज में सरस्वती वंदना सुना माहौल को व्यंग्यात्मकता प्रदान की। 

वरिष्ठ साहित्यकार गोविंद अनुज ने यथार्थ को उकेरते हुए सुनाया-काट दिए सब बरगद पीपल,नही बची है छांव। रोक सको तो रोको भैया शहर भागते गाँव। राकेश सिंह ने संवेदनाओं के पतन को सटीक ढंग से अपनी रचना में व्यक्त किया। काव्यगोष्ठी में गोविंद अनुज, राकेश भटनागर, डॉ.महेन्द्र अग्रवाल, कल्पना सिनरिया, बसंत श्रीवास्तव ने भी अपने-अपने काव्य पाठ किए जबकि मुकेश अनुरागी ने काव्य पाठ न करते हुए,श्रोता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। काव्य गोष्ठी में उपस्थित वयोवृद्ध साहित्यकार भगवान सिंह यादव, संजय शाक्य, शरद गोस्वामी, हेमलता चौधरी, रामकृष्ण मौर्य निर्मल हरी ने भी अपनी-अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ कर गोष्ठी को गौरांवित किया। अंत में राजकुमार चौहान ने उपस्थित सभी श्रोताओं और कवियों का आभार व्यक्त किया।

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