बाल गोपाल समागम कार्यक्रमों में बच्चों ने बांटे अपने अनुभव, अभिभावकों का जताया आभार
शिवपुरी- लोग कहते है कि एकल अभियान क्या होता है वह इसे जानते ही नहीं लेकिन हमने इस एकल अभियान को 40 प्रतिशत दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक पहुंचा दिया है और इस एकल अभियान का उद्देश्य एक ही है सशक्त राष्ट्र निर्माण करना, विवेकानंद जी कहते है कि यदि बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंचे सकते तो स्कूल को बच्चों तक पहुंचाया जाए, हमारा उद्देश्य भी यही है दूरस्थ वनवासी अंचलों में रहने वाले लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करना और हम यह कर भी रहे है यही कारण है कि आज हमने 40फीसदी वनवासियों को विकास की मुख्य धारा में ला खड़ा किया है और शेष अंचलों तक पहुंचना बाकी है हमारा एकल अभियान के तहत वनवासियों से जुड़ाव हमेशा रहेगा वहां शिक्षा, संस्कार की ज्योति हमेशा जलती रहेगी। एकल अभियान के इस उद्देश्य को बताया एकल अभियान के केन्द्रीय सह अभियान प्रमुख खेमानन्द जी ने जो स्थानीय जल मंदिर मैरिज हाउस में आयोजित एकल अभियान के बाल गोपाल समापन कार्यक्रम को मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद् मधुसुदन चौबे रहे जिन्होंने इस अनूठे आयोजन को सराहा और वनवासियों के उत्थान में एकल अभियान द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ना केवल सराहा बल्कि स्वयं अपनी ओर से भी शुभकामनाऐं दी कि राष्ट्र निर्माण में हरेक भारतवासी एकल अभियान के साथ जुड़कर अपना अभिन्न योगदान देगा। कार्यक्रम में संरक्षक रमेशचंद गुप्ता, एकल अभियान समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, महिला अध्यक्षा श्रीमती सुरेखा बख्शी, कार्यक्रम में राजेश गोयल रजत, अमन गोयल, देवेन्द्र मजेजी, हरज्ञान प्रजापति, दाताराम प्रजापति आदि ने संयुक्त रूप से इस आयोजन को सफल बनाया और बाल गोपाल समागम के तहत अपने-अपने घर ले गए अभिभावकों के प्रति आभार जताया।
बाल गोपाल समागम के तहत बच्चों ने बांटे अपने अनुभव
बाल गोपाल समागम के तहत दर्जनों अभिभावकों ने अपने दैनिक जीवन को इन वनवासियों के साथ बिताया जिसमें विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, पूर्व विधायक प्रहलाद भारती, आशुतोष शर्मा, नरेश ओझा, विनोदपुरी गोस्वामी, आर.डी.झा, लवकुमार भार्गव सहित हैप्पीडेज स्कूल, सरस्वती विद्यापीठ स्कूल व राष्ट्रीय स्वयं संघ कार्यालय आदि सभी लोगों ने दो-दो बच्चों को गोद लिया और पूरे 24 घंटे अपने घर-परिवार के साथ बिताए जहां इन वनवासी बच्चों के साथ संस्कार, भोजन, मनोरंजन, आगन्तुकों से परिचय, घुमाना-फिराना और पूरी तरह अपने बच्चें की भांति इन्हें अपने घर रखा और इन सभी बच्चों ने आज कार्यक्रम समापन के दौरान अपने अनुभवों को बांटा। वहीं इस सेवा कार्य के प्रति एकल अभियान द्वारा अभिभावकों के प्रति आभार जताया कि उन्होंने अपने घर में इन राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले बच्चों को अपनत्व का सहारा दिया।

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