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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Tuesday, March 12, 2019

शिक्षा विभाग के बाबू की लापरवाही से हुई शिक्षक की पत्नि की मौत, परिजनों ने लगाया आरोप

भुगतान के एवज में बाबू मांग रहा था 10 प्रतिशत कमीशन
शिवपुरी-शिक्षा विभाग में कार्यरत एक शिक्षक को उसी का जमा फण्ड समय पर नहीं मिल सका और इस मामले में भुगतान लंबित करने को लेकर बाबू के द्वारा मांगी गई कमीशन की राशि ना देने पर जब भुगतान नहीं हुआ तो हृदय रोग से पीडि़त शिक्षक की पत्नि ने दम तोड़ दिया। इस मृत्यु को लेकर शिक्षक के परिजनों ने बदरवास शिक्षा विभाग के बाबू पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया और भुगतान नहीं किया, यदि समय रहते एरियर राशि मिल जाती तब संभव था कि इलाज होकर शिक्षक  की पत्नि अपने घर-परिवार के साथ जीवन बसर करती। वहीं इस मामले में माननीय हाईकोर्ट के आदेश की भी अव्हेलना शिक्षा विभाग बदरवास के बाबू द्वारा की गई। इस पर परिजनों ने अब बाबू के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है। 
शिकायती पत्र में शहजाद खां सेवानिवृत्त सहायक शिक्षक बेदमऊ ने बताया कि उनकी पत्नि जरीना बेगम बीते लंबे समय से हृदय रोग की बीमारी से पीडि़त थी। इसी बीच शिक्षक शहजाद खां ने अपनी पत्नि के इलाज के लिए अपने जीपीएफ की राशि प्राप्त करने हेतु बदरवास शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू श्रीकांन्ति कुमार मिश्रा को अपने एरियर की राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन किया और बार-बार आवेदन के बाद भी बाबू द्वारा एरियर की राशि प्रदान नहीं की गई। इस मामले को लेकर जब शहजाद खां ने हाईकोर्ट में पत्नि के इलाज हेतु एरियर की राशि दिलाए जाने को लेकर गुहार लगाई जिस पर माननीय हाईकोर्ट द्वारा भी आदेश क्रं.विधि/2017/3677 दिनांक 23.10.2017 के आदेश जारी कर प्रार्थी शहजाद खां की नियुक्ति दिनांक से ही प्रार्थी को पूर्ण वेतनमान देने का आदेश हुआ उसके पालन में शहजाद खां द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी मंडल  शिवपुरी को भी दिया बाबजूद इसके 26 जून 2018 को प्रार्थी शहजाद ने इस मामले में शिकायत की थी और फिर 5 मार्च को भी पत्नि के हृदय रोग इलाज के लिए अपने एरियर की राशि प्राप्त करने की गुहार लगाई जिस पर बाबू द्वारा 10 प्रतिशत राशि निकालने के एवज मे मांगी गई जब यह राशि नहीं दी तो बाबू ने प्रार्थी शहजाद खां की कोई सुनवाई नहीं हुई और इसी बीच 6 मार्च को पत्नि जरीना बेगम का निधन हो गया। जरीना के िनिधन पर प्रार्थी शहजाद खां ने इसके लिए शिक्षा विभाग बदरवास में पदस्थ बाबू श्रीकान्ति कुमार मिश्रा को दोषी ठहराया और कहा कि यदि समय रहते वेतन के एरियर की राशि मिल जाती तब संभव था कि वह अपनी पत्नि का इलाज करा लेते लेकिन राशि ना मिलने के अभाव में उनकी पत्नि का निधन हो गया। बता दें कि प्रार्थी शहजाद खा की अद्र्ववार्षिकी आयु पूर्ण होने के कारण रिटायरमेंट हो चुका है और वह अपने एरियर की राशि के भरोसे ही पत्नि का इलाज कराने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में प्रार्थी शहजाद खां ने जिलाधीश महोदय के समक्ष शिकायती आवेदन देकर बाबू श्रीकान्ति कुमार मिश्रा के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है। आरोप है कि एक और शिक्षक मनोरंजन सिंह जो कि शा.प्रा.वि. गिल्टौरा से भी उक्त बाबू द्वारा जीपीएफ में राशि जमा करने के एवज में भी 10 प्रतिशत राशि की अवैध रूप से मांग की गई और आज भी शिक्षक मनोरंजन सिंह अपने एरियर की राशि का इंतजार कर रहे है जिन्होंने जनसुनवाई में 26.06.2018 को शिकायत की और वह भी इस मामले में जिलाधीश से उचित कार्यवाही की मांग की है। 

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