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Thursday, October 8, 2020

कविता कानन की सुषमा थे कविवर रामकुमार: प्रकाश मिश्र

 


राष्ट्रीय कवि चंचल जी की 94 जयंती पर साहित्यकारों ने शाब्दिक श्रद्धांजलि


शिवपुरी-राष्ट्रीय कवि, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के बाल सखा स्वर्गीय रामकुमार चतुर्वेदी चंचल की 94 वी जयंती पर साहित्यकारों ने अपनी शाब्दिक श्रद्धांजलि प्रदान की, प्रात: तात्या टोपे पार्क पर उनकी स्मृति में वृक्षारोपण तो दोपहर में गूगल मीट एप्प के माध्यम से साहित्यकारों ने उनका पुण्य स्मरण किया। 8 अक्टूबर को राष्ट्रीय कवि रामकुमार चतुर्वेदी चंचल जो शिवमंगल सुमन के शिष्य व भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के बाल सखा भी थे और कई बार पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से काव्य पाठ भी कर चुके थे कि स्मृति में तात्या टोपे पार्क में वृक्षारोपण किया गया। तत्पश्चात दोपहर में गूगल मीट के माध्यम से चंचल जी के जीवन चरित्र पर उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश साहित्यकारों के द्वारा डाला गया।

जिसमें बोलते हुए राष्ट्रीय कवि ग्वालियर के प्रकाश मिश्र ने इन कविता की पंक्तियों से चंचल जी के जीवन चरित्र को प्रस्तुत किया कि दिनकर सागर मेघ गर्जना ओस और अंगार, कविता कानन की सुषमा थे कविवर रामकुमार।मिश्र ने आगे कहा कि चंचल जी ने राष्ट्रीय साहित्यिक आकाश में शिवपुरी को पहचान दी, शिवपुरी में परशुराम शुक्ल, विधानन्दन राजीव ने भी शिवपुरी को गौरवांवित किया है। चंचल जी राष्ट्रीय काव्य धारा के कवि थे, उनके साथ 50 से अधिक कवि सम्मेलनों में मैने काव्य पाठ और संचालन भी किया, जिस कवि सम्मेलन में पद्मश्री नीरज को दिया गया। उसका संचालन मैंने और अध्यक्षता चंचल जी ने की। चंचल जी हिंदी सेवी साहित्य सेवी थे उनका जीवन आदर्श जीवन है।

 हिंदी विद्वान और मानस मर्मज्ञ पुरषोत्तम गौतम ने भारत चीन युद्ध के समय चंचल जी की लिखी कविता का जिक्र करते हुए कहा कि चंचल जी की कविताओ में राष्ट्रीयता स्पष्ट झलकती थी, ओज के पारंगत कवि थे, चीन युद्ध के समय लिखी उनकी कविता कालजयी कविता है जो जोश का संचार करती है।

 आयोजन में पूरे शिवपुरी नगर सहित अंचल के प्रमुख साहित्यकार, राजनेता, पत्रकार व परिजन भी पूरे समय जुड़े रहे। प्रात: पौधरोपण में अशोक अग्रवाल, छज्जू कोठारी, भारत गौतम, यशवंत कुशवाह, बनवारी धाकड़, राकेश जैन सहित कई साहित्यकार सम्मिलित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ चंचल जी के निवास पर उनकी पुत्री कामना चतुर्वेदी सक्सेना के द्वारा चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन व पुष्पांजलि अर्पित कर हुआ। चंचल जी के समस्त परिजन कार्यक्रम में दूर दूर से जुड़े।

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