प्रतिकर जमा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से किया दण्डितशिवपुरी- एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 3 माह का सश्रम कारावास एवं 72 हजार 04 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार परिवादी दिलीप अग्रवाल निवासी रेल्वे स्टेशन पोहरी रोड़ शिवपुरी से परिचित होने के चलते अभियुक्त अर्जुन भार्गव पुत्र राजू भार्गव निवासी चित्रगुप्त मंदिर के पास, शिवपुरी एक-दूसरे से भलीभांति परिचित थे। परिवादी दिलीप अग्रवाल से आरोपी अर्जुन भार्गव ने अपनी पारिवारिक एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 50 हजार की राशि प्राप्त की थी और भुगतान हेतु एक चैक प्रदान किया था। जब परिवादी दिलीप अग्रवाल ने प्रदत्त चैक अपनी बैंक शाखा विजया बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो बैंक द्वारा अपर्याप्त राशि के कारण वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी अर्जुन भार्गव को भेजा गया। परिवादी दिलीप अग्रवाल ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया।
दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त अर्जुन भार्गव को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 3 माह का सश्रम कारावास एवं 72 हजार 04 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी दिलीप अग्रवाल को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय शाक्य के द्वारा की गई।
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