जिस के आते ही,बनते सारे काम,उस व्यक्ति का नाम है, अजय जैन अविराम : साहित्यकार दिनेश वशिष्ठशिवपुरी-वरिष्ठों के मुख से निकले शब्द कनिष्ठों के लिये आशीर्वाद बन जाते है,वाकया दुर्गा मठ मे आयोजित म. प्र. लेखक संघ भोपाल इकाई शिवपुरी के दीपोत्सव मिलन समारोह के दौरान वरिष्ठ चिंतक साहित्यकार दिनेश वशिष्ठ ने जब अजय जैन अविराम के बारे मे कहा जिस के आते ही,बनते सारे काम,उस व्यक्ति का नाम है,अजय जैन अविराम। ये वो शब्द थे जो एक वरिष्ठ के कनिष्ठ के प्रति वात्सल्य विश्वास और प्रेरणा के प्रतीक ही नहीं किसी भी संस्था के सुचारु संचालन के मुख्य आधार है, इसी आधार के शुभ परिणाम म.प्र. लेखक संघ भोपाल इकाई शिवपुरी की अनवरत होती काव्य गोष्ठियां है,जिसमें हर एक व्यक्ति का पूर्ण सहयोग शामिल है।
इसी क्रम में म. प्र. लेखक संघ इकाई शिवपुरी द्वारा अनवरत होती दीपोत्सव मिलन काव्यगोष्ठी का आयोजन कवियत्री कल्पना सिनोरिया की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश वशिष्ठ और शिवपुरी साहित्य सूर्य डॉ महेंद्र अग्रवाल के विशिष्ट आथित्य मे हुआ, जिसका संचालन व्यंग्यकार राजकुमार चौहान और शिवकुमार राय की सरस्वती वंदना से हुआ, सबसे पहिले गजल कार राधेश्याम सोनी ने अपनी बात यूं कही दिया है साथ तो थोड़ा और दीजिये, छोडिय़े न परदेशी बीच डगर में, रामकृष्ण मौर्य ने पढ़ा अदा में मस्ती गजब की तेरी,आंख से मदिरा झलक रही है,गुलाबी लब गोरा बदन है तेरा,नजर हमारी फिसल रही है,जिसे सभी ने तालियों से खूब सराहा, अजय जैन अविराम ने अपने काव्यपाठ में पढ़ा मैं ईंट नही पोना हूं,जरूरत का होना हूं,मुझ से बनते मोड़,उपयोगी कोना हूं। संस्था के अध्यक्ष डॉ महेंद्र अग्रवाल के सौजन्य से उपस्थित कवियों और श्रोताओं का जलपान कराया गया, साथ ही दीपावली उपहार के रूप में उन्होंने अपनी कृति केसन असी करी व्यंग संग्रह सभी को भेंट की। अंत में याकूब साबिर ने उपस्थित सभी गणमान्य जनों का आभार प्रकट किया।

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