जब तक जिलाधिकारी जिले को समझते-तब तक तबादले का हो जाते है शिकार
-राम यादव-
शिवपुरी- इसे शिवपुरी का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि महज साल भर के अंतराल में एक नहीं बल्कि तीन-तीन कलेक्टर समय जिला शिवपुरी से अपनी रवानगी तय चुके और अब चौथे कलेक्टर के आगमन को लेकर एक बार फिर वही चर्चा होने लगी है कि कहीं नई कलेक्टर सुश्री अनुग्रह पी.जब शिवपुरी का पदभार लेकर काम करेंगी तब तक क्या वह जिले को अच्छी तरह से समझ पाऐंगी और कहीं इसी बीच तबादले का गाज का नई कलेक्टर को भी सामना ना करना पड़े, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। बार-बार कलेक्टरों के होने वाले तबादलों से शिवपुरी का विकास रूककर पिछड़ रहा है और मूलभूत समस्याओं को लेकर आमजन एक बार फिर से परेशान होने लगा है। बता दें कि आगामी छ: माह बाद ही लोकसभा चुनाव होने है और विधानसभ चुनाव होने के बाद भी वर्तमान कलेक्टर शिल्पा गुप्ता का कांग्रेस की नई सरकार ने तबादला कर भोपाल भेज दिया जबकि इसके पूर्व ही छ: माह पूर्व तत्कालीन कलेक्टर तरूण राठी शिवपुरी आए थे उन्होंने भी शहर के विकास को लेकर काम करने का मन बनाया लेकिन जब तक वह शिवपुरी को समझ पाते कि मतदाता सूची में गड़बडिय़ों को लेकर कलेक्टर तरूण राठी को भी तबादले का सामना करना पड़ा और उन्हें शिवपुरी से छ: माह में ही रवानगी दे दी गई। यदि इसके पूर्व की बात करें तो कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव थे जिन्होंने भी जिले में बहुत कुछ कार्य किया और इस कार्य को वह और भी बेहतर ढंग से कर रहे थे कि तभी मंदसौर में किसानों के उपद्रव को लेकर स्थिति नियंत्रण के लिए कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को भेजा गया जिन्होनें स्थिति को नियंत्रित किया और वह भी शिवपुरी से स्थानांतरित होकर मंदसौर कलेक्टर ही बनकर रह गए तब कहीं जाकर बाद में तरूण राठी शिवपुरी आए और उसके बाद विधानसभा चुनावों को लेकर कलेक्टर तरूण राठी पर तबादले की गाज गिरी।
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का कार्यकाल रहा श्रेष्ठ
जिले में जब कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव आए थे तब उन्होंने आते ही जिले की कमान संभालकर विकासोन्मुखी कार्यों में योगदान दिया। जिसमें मुख्यालय पर शहर की बदहाल सड़कों को दुरूस्त करते हुए सड़कों का जाल बिछाया और यातायात बहाल कर आमजन को राहत प्रदान की। सिंध जलावर्धन को लेकर भी उनके कार्य सराहे गए जिन्होंने भोपाल तक पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के साथ मिलकर जलावर्धन योजना के अड़ंगों को काफी हद तक दूर किया। वहीं सीवर प्रोजेक्टर को लेकर भी उन्होंने कार्य किए और शहर की मूलभूत समस्याओं को समय रहते दूर करने का काफी प्रयास किया जिसे शिवपुरीवासियों ने खूब सराहा और तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का कार्यका श्रेष्ठ रहा।
जिले का विकास कार्य कराने में पिछड़े नजर आए कलेक्टर तरूण राठी और शिल्पा गुप्ता
शिवपुरी में कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के स्थानांतरण के बाद तत्कालीन नव पदस्थ कलेक्टर तरूण राठी ने 11 जून 2017 को जिले की कमान संभाली और आते ही उन्होंने जिले के विकासोन्मुखी कार्यों को लेकर खूब दौरे किए यहां तक वह विभाग में अधिकांशत: बैठकें ही लेते रहते और जिले में अधर में पड़ी योजनाओं को लेकर उनका फीडबैक लेते। उस समय कलेक्टर तरूण तब चर्चा में सामने आए जब वह अपने अधिकांश समय में अधिकारियों के साथ बैठकें ही करते बाबजूद इसके वह जिले का कार्य करने में पिछड़ते ही नजर आए और तभी करीब 11 माह के कार्यकाल के बाद तरूण राठी का तबादला शिवपुरी से हो गया तब इनके बाद शिवपुरी की नई कलेक्टर के रूप में श्रीमती शिल्पा गुप्ता को 17 मई 2018 को कमान सौंपी गई थी। अपनी तेज तर्रार छवि के रूप में पहचानी जाने वाली शिल्पा गुप्ता के बारे में चर्चा थी कि वह मुरैना में रहते हुए प्रशासनिक कार्य में किसी भी तरह का राजनैतिक दखल पसंद नहीं करती, यही रवैया उनका शिवपुरी के समय भी रहा बाबजूद इसके वह अपने कार्यकाल में कुछ खास असर नहीं छोड़ सकी और मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन कलेक्टर तरूण राठी के द्वारा की गई गलती पुन: ना हो इसे लेकर वह कार्य करती नजर आई विधानसभा चुनाव को लेकर उन्हें पूरी तैयार कर अपने कार्यकाल में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराए, हालांकि मतगणना के दौरान मीडिया के कवरेज को लेकर वह पत्रकारों के निशाने पर आई और मौके पर हल कलेक्टर शिल्पा गुप्ता के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। बाद में मतगणना के उपरांत कांग्रेस की नई सरकार बनते ही वर्तमान कलेक्टर शिल्पा गुप्ता का तबादला भी शिवपुरी से भोपाल हो गया। इस तरह जिले के विकास कार्यों में शिल्पा गुप्ता भी कोई खास असर नहीं छोड़ सकी और आज भी जिले की मूलभूत समस्याऐं अधर में लटकी हुई है। अब आशा नवागत कलेक्टर सुश्री अनुग्रह पी. से है देखना होगा कि वह इस ओर अपनी कार्यप्रणाली को किस प्रकार से जनहित में और विकासोन्मुखी कार्यों को करेंगी, यह देखना होगा।
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